जसपुर(आरिफ खान की रिपोर्ट)सांइस के इस युग में जहां लोग चंद्रमा और मंगल पर पहुंच रहे हैं जनपद उधम सिंह नगर के जसपुर में बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है ऐसा खेल खेला की आप भी सुनकर दंग रह जाएंगे क्या चल रहा है खेल देखिए हमारी रिपोर्ट
ग्राम पतरामुर के प्राचीन मजार कालू सैय्यद बाबा की मजार पर हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मृत (Dead Body)को जिंदा करने की नाकाम कोशिश की गई.
मिली जानकारी के मुताबिक हजरत सैयद कालू शहीद रहमतुल्लाह अलैह मजार की सात सदस्य प्रबंधन समिति की नियुक्ति में मृतक व्यक्ति को अभी तक समिति का सदस्य बना दिया गया मृत्यु प्रमाण पत्र से घटना की सत्यता प्रकाश में आई
क्या मुर्दा करेगा मजार की देख रेख?
पतरामपुर क्षेत्र के जंगल में प्राचीन समय से कालू सैय्यद बाबा की मजार है 4 वर्ष पूर्व हुई फारूक शाह मुजाबिर की मौत के बाद से गद्दीनशीन को लेकर यहां विवाद चल रहा है कई लोगों ने यहां मुजाबिर होने का दावा भी पेश किया था
प्रशासनिक अधिकारियों की पहल पर मजार की कमेटी बनाई गई इसे दूसरे पक्ष ने न्यायालय और वक्फ बोर्ड में चुनौती दी।इस मजार को वक्फ की संपत्ति घोषित कर वक्फ के अधिकारियों का हस्तक्षेप होने लगा
वक्फ बोर्ड ने नहीं उठाई जांच करने की जहमत
जहाँ बोर्ड से नियुक्त कमेटी की मजार आदि की देखभाल एवं प्रबंध करती है वर्तमान कमेटी की खामियां बताकर कुछ लोगों ने बोर्ड को नई कमेटी बनाने का प्रस्ताव भेजा था
इससे पहले सादिक हुसैन की एक और अन्य कमेटी अपना दावा जता चुकी है इस दौरान उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी(सीईओ)एसएस उस्मान ने विवाद के चलते शाहिद हुसैन के अध्यक्षता में सात सदस्य प्रबंध समिति की नियुक्ति अग्रिम तीन वर्षों के लिए कर दी
समिति में पतरामपुर निवासी अशरफ अली पुत्र फकीर मोहम्मद का नाम भी शामिल है 13 अप्रैल 2023 को अशरफ की मौत हो चुकी है ग्राम पंचायत पतरामपुर के रजिस्ट्रार ने अशरफ का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है, हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब से उत्तराखंड बना है, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड किसी न किसी मामले को लेकर चर्चाओं में बना रहता है
एक तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
अवैध मजारों पर बुलडोजर चला रहे हैं,धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई वन विभाग कर रहा है
देव भूमि उत्तराखंड में अब तक 455 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कर लिया गया है। धार्मिक अतिक्रमण हटाने के तहत अब तक 416 मजारों को तोड़ दिया गया है,तो दूसरी तरफ ऐसे लापरवाह अधिकारी उनके इस मिशन पर पलीता लगा रहे हैं, हालांकि उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं अब देखने वाली बात होगी आखिर कब तक इस पर कार्रवाई होती है या मुर्दा करेगा मजार की रेख देख?
मुर्दा बना मजार की प्रबंध समिति में सदस्य
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स ने बताया कि प्रस्ताव भेजने के समय अशरफ अली जिंदा रहे होंगे यह जांच का विषय है किस दिन प्रस्ताव भेजा यह देखना पड़ेगा मृतक का प्रमाण पत्र आ जायेगा तो बदल दिया जाएगा, बोर्ड से कहां गलती हुई इसकी जांच कराई जाएगी
बड़ा सवाल आखिर किसने किया गुमराह?
पूरे मामले में प्रश्न उठता है कि आखिर किस व्यक्ति ने मृतक व्यक्ति को सदस्य बनने के लिए क्या बोर्ड को गुमराह किया बोर्ड उसके खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लाता है या फिर बोर्ड ने अपनी ओर से समिति के सदस्यों की जांच क्यों नहीं कराई ये अपने आप में बड़ा सवाल उठता है
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