हरिद्वार-जबरन थाने लाकर महिला की पिटाई और जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित करने के आरोप में पूर्व एसओ समेत चार पुलिसकर्मियों और सात रिश्तेदारों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। सिडकुल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र में सिडकुल क्षेत्र की रानी पत्नी जोगेंद्र निवासी गांव रोशनाबाद ने बताया कि उसका अपने देवर अशोक से विवाद चला आ रहा था। आरोप है कि देवर अशोक और देवरानी ने उसके साथ मारपीट कर दी थी, जिस संबंध में मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
आरोप है कि मई 2020 में उसके पति अपनी दुकान से घर लौट रहे थे। आरोप है कि गांव में रविदास मंदिर से कुछ दूर पहले उसके देवर ने अपने समर्थकों के साथ उसके पति को घेर लिया, जिसके बाद पति के सिर पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हथियार से हमले में उसके पति का कान कट गया। आरोप है कि हमलावर उसके पति को हत्या की धमकी देकर फरार हो गए।
आरोप है कि उसी रात को अशोक, नरेंद्र, संजीव, रानी, स्वाति, अंजली, मिनाक्षी, देवर के किराएदारों ने उनकी दुकान में आग लगा दी। आरोप है कि उसको और उसकी दूसरी देवरानी ममता, जेठानी सुरेशना को घर में घुसकर बुरी तरह पीटा। पुलिस कंट्रोल रूम में शिकायत करने पहुंचे पुलिसकर्मी देवर का पक्ष लेते हुए उन्हें थाने ले गए।
आरोप है कि उस वक्त एसओ रहे प्रशांत बहुगुणा, चौकी प्रभारी दिलवर सिंह, चेतक कर्मी रमेश चौहान ने उसे जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया। आरोप है कि महिला कांस्टेबल शोभा ने उसकी पिटाई कर दी। गंभीर चोटें आने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आरोप है कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ आला अफसरों ने उसकी शिकायत पर कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तत्कालीन एसओ, एसआई, महिला-पुरुष कांस्टेबल, रिश्तेदार अशोक, स्वाति, नरेंद्र, मिनाक्षी निवासीगण ग्राम रोशनाबाद, संजीव निवासी ग्राम नगला इमरती सिविल लाइन रुड़की, रानी, अंजली निवासी ग्राम खंजरपुर रुड़की के खिलाफ धारा 147, 452, 323, 504, 506 और 3 (1) (द) में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
प्रशांत बहुगुणा का विवादों से पुराना नाता
टिहरी जिले से फिलहाल यहां संबंद्ध चल रहे दारोगा प्रशांत बहुगुणा का विवादों से पुराना नाता रहा है। वर्ष 2004 में अर्द्धकुंभ में हुए दंगे के आरोप में उस वक्त कांस्टेबल रहे प्रशांत बहुगुणा को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। हाईकोर्ट में चले केस के बाद प्रशांत की महकमे में वापसी हुई थी। चौकी प्रभारी रहते हुए विवादों में नाम आया। सिडकुल थाने में तैनाती के दौरान भी लाइन हाजिर किए गए। एसओ बुग्गावाला पद से भी विदाई चर्चाओं में रही। वर्तमान में प्रशांत एसआईएस शाखा में अटैच हैं।
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