काशीपुर। हल्द्वानी जेल में काशीपुर के कैदी प्रवेश कुमार की मौत के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव उन्ना और एस वी एन भट्टी की बेंच ने 11 सितंबर 2023 को मामले की सुनवाई करते हुए पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि मामले में मुआवजें की धनराशि तय करके उसके आश्रितों को दिया जाए। अगर मृतक के आश्रित को मुआवजे की धनराशि नहीं मिलने पर पीड़ित महिला हाइकोर्ट में याचिका दायर कर सकती है।
बता दें कि साल 2021 में हल्द्वानी जेल में कुंडेश्वरी निवासी बंदी प्रवेश कुमार पुत्र रघुवर दयाल की मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी भारती ने चौकी पुलिस में पिटाई से प्रवेश की मौत होने का आरोप लगाया था। इसी बीच हल्द्वानी जेल के बंदी सितारगंज निवासी राहुल श्रीवास्तव ने प्रवेश की जेल में पिटाई किए जाने और बाद में इसी के चलते प्रवेश की मौत होने का आरोप लगाया था। राहुल ने स्वयं को घटना का प्रत्यक्षदर्शी बताया था। इसके बाद प्रवेश की पत्नी ने हल्द्वानी जेल के चार बंदी रक्षकों समेत कुल पांच जेल कर्मियों के लाफ हत्या का केस हल्द्वानी कोतवाली में दर्ज कराया। मामले में काशीपुर के अधिवत्तफ़ा संजीव आकाश की पैरवी पर हाईकोर्ट नैनीताल ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। साथ ही सरकार को नैनीताल की एसएसपी, हल्द्वानी के सीओ और आरोपित बंदी रक्षकों के तबादले पर विचार करने को कहा था। मामले में सीबीआइ ने देहरादून में प्रवेश की मौत का मुकदमा बंदी रक्षकों के बिलाफ दर्ज किया था।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने कैदी की मौत की जांच सीबीआइ से करने का आदेश पारित किया था। साथ ही इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर एसएसपी नैनीताल, तत्कालीन पुलिस क्षेत्रधिकारी हल्द्वानी और जेल के आरोपित बंदी रक्षकों के तबादले एवं डिपार्टमेंटल कड़ी कार्यवाही करने के आदेश पारित किए थे। जिससे जांच प्रभावित न हो। इस दौरान सीबीआई ने छह आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था इस दौरान प्रदेश सरकार से गृह सचिव ने 2021 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दिल करके एसएसपी नैनीताल, सीओ हल्द्वानी और जेल के आरोपित बंदी रक्षकों के तबादले रोकने और डिपार्टमेंटल कार्यवाही नहीं करने की अपील की थी और पीड़िता भारती एवं सीबीआइ को पार्टी बनाया था। जिस पर भारती की तरफ से अधिवत्तफ़ा और CBI देहरादून की तरफ से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल आफ इंडिया ने पैरवी शुरू कर दी थी। इसी दौरान सीजेएम नैनीताल की कोर्ट ने मामले में बंदी रक्षकों के लिाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया था। यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था। प्रवेश कुमार की मौत मामले में 11 सितंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। जहां पर सीबीआइ देहरादून की तरफ से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल आफ इंडिया ने पैरवी की। इसके साथ ही पीड़िता मृतक प्रवेश की पत्नी भारती की तरफ से बचाव पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के अधिवत्तफ़ा युनुस मलिक, समीर मलिक और संजीव आकाश ने पैरवी की Advocate संजीव आकाश ने बताया कि इसमें विभागीय अधिकारियों को भी राहत दी गई है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और एस-वी-एन- भट्टी ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का प्रदेश सरकार को निर्देश दिया।
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