लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फर्रुखाबाद, कासगंज और शाहजहांपुर में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया। बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री का वितरण किया। सीएम पहले फर्रुखाबाद, फिर कासगंज और उसके बाद शाहजहांपुर गए और बाढ़ से उपजे हालात देखे। बाढ़ पीड़ितों को हर सहायता का भरोसा दिया।
प्रदेश में हर साल बाढ़ की विभीषिका के कारण होने वाले जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को प्रशासन के मिलकर स्थाई समाधान निकालने के लिए निर्देशित किया। जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि बाढ़ में बर्बाद हुई फसलों के नुकसान का आकलन करें और बाढ़ अगर लंबे समय तक रहती है तो राहत किट महीने में दो बार वितरित की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फर्रुखाबाद में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने के बाद कहा कि बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाए, ताकि हर साल होने वाली जनहानि को रोका जा सके। इसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी प्रशासन के साथ मिलकर कारगर रणनीति तैयार करें। बाढ़ पीड़ितों के साथ सरकार पूरी तरह से खड़ी है।एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि भी बाढ़ पीड़ितों की सेवा में जुटे हैं। जिनके मकान बाढ़ से तबाह हो गए, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नया मकान और जिनके क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। जिला प्रशासन फसलों के नुकसान का आंकलन करें। लंबे समय यदि बाढ़ रहती है तो राहत सामग्री की किट महीने में दो बार वितरित की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुछ जिले बाढ़ से प्रभावित हैं तो कुछ सूखा से। प्रदेश के 56 जनपद ऐसे हैं, जहां औसत वर्षा हुई है। 22 जनपदों में कम वर्षा हुई है। 15 जिले ऐसे हैं जहां बेहद कम वर्षा हुई है। उत्तराखंड में वर्षा हो रही है, इसी वजह से बाढ़ से उत्तर प्रदेश के कई जिले प्रभावित हुए हैं। जिसमें वह स्वयं ही फर्रुखाबाद, कासगंज, शाहजहांपुर के दौरे पर निकले हैं। अन्य जिलों में प्रभारी मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित जिलों में जाने को कहा गया है।
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