November 23, 2024

Uttarakhand Ki Sachchai

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प्रीतम सिंह ने विधायकों के साथ हाईकमान को दिखाई ताकत

जिला और महानगर अध्यक्ष के चयन को लेकर जताया आक्रोश

नई दिल्ली/देहरादून: (आरिफ खान की रिपोर्ट)उत्तराखंड कांग्रेस में भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा। विगत दिनों पूर्व नेता प्रतिपक्ष विधायक प्रीतम सिंह के द्वारा कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव पर लगाए गए आरोपों के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ी हलचल दिखाई दे रही है। जिससे एक और जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा अलग-थलग पढ़ते दिखाई दे रहे हैं, वही कांग्रेस के विधायकों ने प्रदेश प्रभारी के साथ-साथ अब प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के खिलाफ भी अंदरूनी मोर्चा खोल दिया है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह अपने समर्थक विधायकों के साथ विगत दिनों दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को यह समझाने में कामयाब रहे की उत्तराखंड में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की हठधर्मिता के कारण आगामी 2023 निकाय चुनाव के साथ ही लोकसभा 2024 के चुनाव में कांग्रेस की पराजय तय हैं। सूत्रों की माने तो प्रीतम सिंह की इस मुहिम में उनके समर्थक विधायकों के साथ साथ हरीश रावत गुट के विधायकों के द्वारा भी खुलकर प्रीतम सिंह के साथ हाथ मिला लेने से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कांग्रेस पार्टी में अलग-थलग पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। विगत दिनों धारचूला के तेजतर्रार विधायक हरीश धामी सहित हरीश रावत के गुट के कई विधायकों ने गुपचुप तरीके से प्रीतम सिंह गुट के विधायकों के साथ कदमताल करते हुए कांग्रेस हाईकमान के कई शीर्ष नेताओं से संपर्क स्थापित किया। गुपचुप हुई इन मुलाकातों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित शीर्ष नेतृत्व में यह माना कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की कार्यप्रणाली संगठन के हित में नहीं है। उनकी हठधर्मिता से उत्तराखंड में कांग्रेस कमजोर होती दिखाई दे रही है। सूत्रों ने दावा किया कि आगामी समय में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पर हाईकमान लगाम कस सकता है। वैसे भी विगत दिनों हरिद्वार में संपन्न हुए कार्यक्रमों में हरीश रावत के साथ करन माहरा की ट्यूनिंग से उनके राजनीतिक गुरू रणजीत रावत काफी नाराज चल रहे हैं। इसलिए उन्होंने कांग्रेस के बड़े कार्यक्रमों से विशेषकर प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है। जिसका नुकसान करन माहरा के राजनीतिक भविष्य पर पड़ता दिखाई दे रहा है। सूत्रों ने दावा किया कि वह दिन दूर नहीं जब महानगर और जिला अध्यक्षों के चयन में करन माहरा के कारण नाराज हुए विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के तेवरों के सामने हाईकमान कोई ठोस कदम ना उठा ले। सूत्रों का दावा है कि चाटुकारो से जुड़े कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा उत्तराखंड में अभी तक लोकप्रियता के मामले में सबसे नीचे पायदान पर हैं। आगामी समय जिला और महानगर अध्यक्ष के चयन को लेकर हाईकमान कोई कठोर कदम उठाए इसमें कोई भी संशय नहीं है। क्योंकि तराई के उधमसिंह नगर से लेकर हरिद्वार, देहरादून सहित दूरदराज के जनपदों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बगावत की आग सुलगने लगी है।