November 23, 2024

Uttarakhand Ki Sachchai

A News Portal

प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर बोला हमला,एआइसीसी सूची जारी होते ही मचा बवाल,सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गये

देहरादून।उत्तराखंड से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) की 43 सदस्यीय सूची को लेकर बवाल हो गया। इससे पार्टी के भीतर असंतोष गहरा गया है। नाराज पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर तीखा हमला बोला।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का नाम सूची में है, लेकिन उनके करीबियों को किनारे रखा गया है। इससे नाराज प्रीतम सिंह ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रभारी जिस प्रकार तुगलकी तरीके से निर्णय कर रहे हैं, उसका परिणाम प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव और निकाय चुनाव पर दिखाई पड़ेगा।

24 फरवरी से होना है कांग्रेस का तीन दिनी अधिवेशन

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 24 फरवरी से कांग्रेस का तीन दिनी अधिवेशन होना है। इससे पहले एआइसीसी की ओर से उत्तराखंड के सदस्यों की सूची सोमवार को जारी की गई। इसमें 30 निर्वाचित और 13 सदस्य नामित किए गए हैं। निर्वाचित सदस्यों में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, काजी निजामुद्दीन, प्रदीप टम्टा, प्रकाश जोशी, मनोज तिवारी, हरीश धामी सम्मिलित हैं।
ममता राकेश, फुरकान अहमद, राजेंद्र भंडारी, विक्रम सिंह नेगी, रवि बहादुर, सुमित हृदयेश, आदेश चौहान, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, वीरेंद्र जाति, रंजीत रावत, हीरा सिंह बिष्ट, डा हरक सिंह रावत, मनीष खंडूड़ी व सूर्यकांत धस्माना भी सदस्य बनाए गए हैं। गुरदीप सिंह सप्पल, ब्रहमस्वरूप ब्रहमचारी, आर्येंद्र शर्मा, वैभव वालिया भी सदस्य बने हैं।

प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर व महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला भी सदस्य बनाई गई हैं। शूरवीर सजवाण, अनुपमा रावत, मथुरादत्त जोशी, विजय सारस्वत, मनोज रावत, ललित फस्र्वाण, अनुपम शर्मा, राजपाल बिष्ट, गरिमा दसौनी, सरोजनी कैंतुरा, हेमलता पुरोहित, विकास नेगी व इशिता सेढ़ा को नामित सदस्यों में सम्मिलित किया गया है।

43 सदस्यीय सूची में पांच विधायकों मयूख महर, मदन बिष्ट, गोपाल राणा, खुशहाल सिंह अधिकारी और तिलकराज बेहड़ के नाम सम्मिलित नहीं किए गए हैं। इन विधायकों में अधिकतर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के करीबी भी माने जाते हैं। प्रीतम सिंह का प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से खिंचाव बना हुआ है।

एआइसीसी की सूची जारी होते ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस पर आपत्ति की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। प्रदेश प्रभारी का दायित्व प्रदेश के नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करना है, गुटबाजी को बढ़ावा देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी और चंपावत जिले को प्रतिनिधित्व तक नहीं दिया गया। वहीं सूची में ऐसे भी नाम सम्मिलित हैं जो अन्य राज्यों की राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन उन्होंने आवास यहां बनाया है।

काम करने वालों की उपेक्षा: मयूख महर
विधायक मयूख महर ने कहा कि प्रदेश में पार्टी गलत परंपरा को बढ़ावा दे रही है। अपने-अपने व्यक्तियों को पद बांटे जा रहे हैं। काम करने वाले स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

सक्रिय कार्यकत्र्ताओं की उपेक्षा से पार्टी को नुकसान: मदन
विधायक मदन बिष्ट ने परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी निष्ठावान और सक्रिय कार्यकत्र्ताओं का सम्मान नहीं करेगी तो उससे पार्टी को ही नुकसान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बचाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई, लेकिन अब इसका कोई महत्व नहीं रह गया।

पार्टी फोरम में रखेंगे बात: गोपाल राणा
विधायक गोपाल राणा ने भी पार्टी के अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की बात कही। साथ में कहा कि इसे पार्टी के मंच पर उठाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप और महामंत्री राजेंद्र शाह ने भी इस सूची पर नाराजगी जताई। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि एआइसीसी में महत्वपूर्ण व्यक्तियों का छूटना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इससे पार्टी के लिए वफादारी से काम करने वालों का मनोबल टूटेगा। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से दूरभाष पर चिंता व्यक्त की। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि एआइसीसी अधिवेशन के बाद इस विषय पर हाईकमान से चर्चा की जाएगी।

वो कहावत यहां पर सही बैठती है सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गये काँग्रेस 2022 विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी सबक नहीं ले रही है आखिर कब तक गुटबाजी सामने आती रहेगी हालांकि हाईकमान भारत जोड़ो यात्रा निकालकर देश को एकजुट करने में लगा है। उसके बावजूद भी उत्तराखंड में यह गुटबाजी सामने निकल कर आ रही है अब देखने वाली बात होगी लोकसभा 2024 के चुनाव तक गुटबाजी को कैसे हाईकमान खत्म करता है

उत्तराखंड की सच्चाई समाचार पत्र व न्यूज़ पोर्टल में देश विदेश की खबरें पढ़ें।
हमारे पोर्टल की न्यूज़ को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे