December 21, 2025

उत्तराखंड में “बाल स्वास्थ्य आपातकाल”बिगड़ते AQI पर IAP की चेतावनी“बच्चों की सांस से समझौता नहीं”डॉ. रवि सहोता बोले: गंदी हवा छोटे फेफड़ों की दुश्मन बन चुकी है

आरिफ खान की रिपोर्ट


काशीपुर:उत्तराखंड में लगातार खराब होती हवा अब बच्चों के स्वास्थ्य पर सीधा हमला कर रही है। कई शहरों में AQI खतरनाक स्तर पार कर चुका है और इसी को देखते हुए इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) उत्तराखंड ने इसे “बाल स्वास्थ्य आपातकाल” करार देते हुए बड़ा जागरूकता अभियान शुरू किया है।

IAP उत्तराखंड के सचिव एवं रोटरी क्लब ऑफ काशीपुर कॉर्बेट के अध्यक्ष डॉ. रवि सहोता* बच्चों की सेहत पर मंडरा रहे खतरे को लेकर गंभीर रूप से चिंतित नज़र आए। उन्होंने अभिभावकों को जागरुक करते हुए कहां की

“बच्चों की सांस से समझौता नहीं — साफ हवा उनका अधिकार है।”
❗ AQI 200 पार होते ही खतरा दोगुना

डॉ. सहोता ने बताया कि— **“AQI 200 से ऊपर होते ही बच्चों का बाहर खेलना सुरक्षित नहीं।

यह केवल अस्थमा वालों की समस्या नहीं— हर बच्चे पर खतरा है।”**

प्रदूषण = बच्चा बीमार | गंदी हवा = घायल फेफड़े

IAP द्वारा जारी चेतावनी में बच्चों पर प्रदूषण के 7 बड़े घातक प्रभाव बताए गए:

1. फेफड़ों का विकास रुकना

“छोटे फेफड़े, बड़ा खतरा — हवा में छुपा जहर”
प्रदूषण बच्चों के फेफड़ों की ग्रोथ को 10–20% तक रोक सकता है।
आगे चलकर—

  • सांस कम पड़ना
  • खेल क्षमता घट जाना
  • स्टैमिना कमजोर होना
    जीवनभर साथ चलता है।

2. अस्थमा व एलर्जी में तेज बढ़ोतरी

“धुआं और धूल – बच्चे की सांस पर हमला”
खराब AQI पर—

  • घरघराहट
  • रात में खांसी
  • अस्थमा के अटैक
    तुरंत बढ़ जाते हैं।

3. बार-बार संक्रमण

“हर हफ्ते खांसी, हर महीने दवा — जिम्मेदार हवा”
बिगड़ी हवा बच्चों की इम्युनिटी तोड़ देती है।

  • खांसी-जुकाम
  • ब्रोंकाइटिस
  • निमोनिया
    बार-बार होने लगते हैं।

4. भविष्य में गंभीर श्वसन रोगों का खतरा

“बचपन की हवा तय करती है बुढ़ापे का स्वास्थ्य”
लंबे समय में chronic respiratory diseases जीवनभर साथ लग सकती हैं।


5. दिल पर भी हमला

“धड़कनें भी हवा से डरती हैं”
प्रदूषण रक्त में सूजन और BP बढ़ाकर भविष्य में हृदय रोगों का कारण बन सकता है।


6. दिमाग और व्यवहार पर असर

“गंदी हवा, कमजोर दिमाग”
प्रदूषण से—

  • ध्यान
  • याददाश्त
  • स्कूल प्रदर्शन
    सीधे प्रभावित होते हैं।

7. इम्युनिटी कमजोर, रिकवरी धीमी

“कमजोर प्रतिरोधक क्षमता — महंगी दवाइयों का बोझ”


अभिभावकों के लिए डॉ. सहोता की सलाह

✔ “AQI चेक करो — बच्चे की सांस बचाओ।”

✔ AQI 200+ पर बच्चों को बाहर खेलने से रोकें

✔ N-95 मास्क पहनाएँ

✔ पौष्टिक, इम्युनिटी-बूस्टर डाइट दें

✔ जरूरत पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें


IAP + रोटरी क्लब काशीपुर कॉर्बेट की बड़ी पहल

डॉ. सहोता ने बताया कि दोनों संस्थाएं मिलकर—

✔ स्कूलों में जागरूकता अभियान

✔ स्वास्थ्य शिविर

✔ Screening व Counselling

चलाएंगी, ताकि हर परिवार तक सही जानकारी पहुँच सके।


कड़े शब्दों में डॉ. सहोता की चेतावनी

“हमारे बच्चों को दवाइयों की नहीं, साफ हवा की जरूरत है।”

“समस्या हमारी है — समाधान भी हमारा होगा।”

**“स्वच्छ हवा, सुरक्षित बचपन — यही भविष्य की असली नींव है।”