
कर्मचारियों संग साठ-गांठ कर काम कराने का दलालो का दावा
आरिफ खान की रिपोर्ट
काशीपुर। उत्तराखंड में दलालों के हौसले बुलंद हैं।,सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में काम कराने के लिए दलाल बेखौफ हो चुके हैं। कर्मचारियों संग साठ-गांठ कर काम कराने का दावा भी रखते हैं। इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी हैं लोगों का काम मोटे दाम पर करा रहे हैं।
सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का
सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय काशीपुर में इन दिनों दलाल कुछ ज्यादा ही एक्टिव हो चुके हैं। आरटीओ कार्यालय के बाहर गाड़ियों में, गेट पर और खिड़की पर काम कराते नजर आते है,

ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के ट्रांसफर, फिटनेस, एनओसी, परमिट आदि वाहन संबंधित कार्यो के लिए संपर्क सूत्र भी दिया जाता है,विभाग की ओर से इन्हें शह दी जाती है,, जिसके चलते बेखौफ दलाली में लिप्त हैं। इससे पहले भी कार में, गेट पर और कार्यालय के बाहर कई बार दलालों को देखा जाता है। लोगों से काम कराने के एवज में निर्धारित शुल्क से अधिक वसूलते हैं।
अधिकारी आंखों पर काली पट्टी बांधकर बैठे हैं फाइल हाथ में लेकर दफ्तरों के अंदर घूमते हुए दलाल इनको नही दिखाई देते हैं मजाल किसी की जो इन्हे कुछ कह दे,ऐसा सवाल ही नही उठता,जैसे ही कोई अपना ड्राइविंग लाइसेंस या गाड़ी से संबंधित कोई भी कागजात बनवाने के लिए या चालान भरवाने के लिए आता है तो यह दलाल उसे दबोच लेते हैं उससे कहते हैं कि हम आपका काम जल्दी कर देंगे और आपको चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे और उनसे इस काम करने के एवज में मोटी रकम वसूलते हैं,विभागीय अधिकारियों की उदासीनता कहें या उनकी शह, जिसके चलते इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है।वैसे इनपर यह कहावत भी सटीक बैठती है कि जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का?

संपादक – उत्तराखंड की सच्चाई
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