काशीपुर।(आरिफ खान की रिपोर्ट) ऊर्जा निगम में अफसर को लेकर काफी चर्चा बनी हुई है वह चर्चा चाहे जिले में तैनात रहने की हो या भ्रष्टाचार की हो या किसी को मदद करने की होगी आखिर कहीं ना कहीं ऊर्जा निगम चर्चा का विषय बना रहता है एक अधिकारी के 10 वर्ष तक एक जिले में तैनात रहने को लेकर भी अभी पिछले दिनों में काफी चर्चा बनी हुई थी एक जिले में 10 वर्ष तैनाती को लेकर इसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग उत्तराखंड से भी की गई थी उसके बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ऐसे में सवाल भी उठना लाजिमी है कि आखिर इस अधिकारी पर क्या किसी सफेद पोश नेताओं का हाथ है या फिर कोई बड़ा अधिकारी बैठ कर दे रहा है संरक्षण,ऐसे तमाम सवाल उठ रहे है,विभागों द्वारा जो शासनादेश बनाए जाते हैं उनकी धज्जियां खुलेआम उड़ रही है,जो शासनादेश ट्रांसफर नियमावली बनाई जाती है क्या सिर्फ कागजों में ही खानापूर्ति हो रही है,धरातल पर कोई कार्यवाही दिखाई नही देती है चलिए आपको आप बताते हैं कि आखिर मामला क्या है
बिजली चोरी को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले ऊर्जा निगम ने एक नया विवाद शुरू हो गया है,काशीपुर ने सीधे मैनेजमेंट के आला अफसरो पर ही बिजली चोरी करने वाले को मदद करने और अनावश्यक दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए हैं दूसरी और निदेशक ऑपरेशन ने ईई की कार्यशैली को कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन बताया,अफसरो के बीच खींचतान निगम में खासी चर्चा में है, अधिशासी अभियंता काशीपुर अजीत कुमार यादव ने अधीक्षण अभियंता काशीपुर अनिल वर्मा को पत्र लिखकर उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं उन्होंने वर्मा को बिजली चोरी करने वालों का सहयोग न करने की सलाह भी दी है उन्होंने निदेशक ऑपरेशन पर भी गंभीर आरोप लगाया है ईई-एचआर को कॉपी करते हुए लिखा है कि उच्च अफसर अनावश्यक दबाव बनाकर उनका मानसिक शोषण कर रहे हैं यादव के पत्र से पूरे ऊर्जा निगम में खलबली है,गोपनीय पत्र के वायरल होने से निगम प्रबंधन भी छवि को लेकर असहज है अधिशासी अभियंता काशीपुर का कहना है कि बिजली चोरी के मामले में डिवीजन स्तर से राजस्व निर्धारण किया गया,उस राजस्व निर्धारण पर उपभोक्ता की ओर से प्रत्यावेदन किया दिया गया,बताया गया कि राजस्व निर्धारण गलत किया गया,एलटी कनेक्शन का राजस्व निर्धारण एचटी कनेक्शन के आधार पर किया गया मुख्यालय स्तर से मिले निर्देश के क्रम में ही ईंई को सिर्फ इसी प्रत्यावेदन के निस्तारण को कहा गया, एक महीने पहले उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी की ओर से सचिव ऊर्जा को पत्र लिख ऐसे इंजीनियरों की जांच कर कार्यवाही को कह चुके हैं
सूत्रो की माने तो क्या जो और जगह बिजली चोरी हो रही है बड़े-बड़े उद्योगों में बिजली चोरी हो रही है,वह किसके संरक्षक में हो रही है क्या उसमें भी किसी बड़े अधिकारी का हाथ है,जिनके कनेक्शन काटे हुए हैं उसके बावजूद भी उन फैक्ट्री में लाइट (बिजली) का इस्तेमाल हो रहा है वह किसके संरक्षक में चल रहा है, ऐसे अधिकारीयो का भी नाम जांच में सामने आना चाहिए,ताकि जनता को भी सच पता चल सके ऐसे तमाम सवाल जनता के हमने आपके सामने रखें जो शहर में उठ रहे है,और चर्चा मे हैं
सवालों के घेरे में यूएसनगर में तैनात इंजीनियर
ऊर्जा निगम में यूएसनगर में तनात अधिकतर इंजीनियर सवालों के घेरे में है,सालों से एक ही जिले में जमे इन इंजीनियरों के खिलाफ विभागीय जांच से लेकर विजिलेंस केस दर्ज हो चुकी है आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है इंजीनियरों पर बिल्डरों प्रॉपर्टी डीलरों को लाभ पहुंचा कर ऊर्जा निगम को वित्तीय नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं जांच अधिकारी अपनी जांच में आरोप सही तक बता चुके हैं इसके बावजूद इंजीनियरों को नहीं हटाया गया
निदेशक ऑपरेशन यूपीसीएल अधिशासी अभियंता के मदनराम आर्य ने बताया कि अधिशासी अभियंता के स्तर से लिखा गया पत्र घोर अनुशासनहीनता है सोमवार को उनका जवाब तलब होगा तत्काल उन्हें निलंबित किए जाने की संस्तुति भी की जाएगी
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