काशीपुर।नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से अख्तर अली महागीर को बसपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है उन्होंने रुद्रपुर में जिलाधिकारी के यहां नामांकन करने के बाद क्षेत्र में जगह-जगह जाकर प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया है हल्द्वानी क्षेत्र मे जनसंपर्क किया और जनता के बीच जाकर पार्टी की रीती नीतियों को जनता को अवगत कराया, और अपने पक्ष में वोट डालने की जनता से अपील की उन्होंने जनता से वादा किया जनता उन पर एक बार भरोसा करके देखे वह जनता की उम्मीदो पर खरे उतरेंगे, और जो चुनावो में जनता से वादे कर रहे हैं उनको भी आने वाले 5 सालों में पूरा करके दिखाएंगे,,
Lok Sabha Election 2024 उत्तराखंड में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में बसपा भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई लेकिन बसपा प्रत्याशी को मिले मतों ने अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों की जीत के समीकरण जरूर प्रभावित किए हैं। पार्टी ने इस बार भी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में पार्टी की नजर अपने मत प्रतिशत को बढ़ाने और मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की रहेगी।
देशभर में चुनावी सरगर्मी के बीच उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। राज्य में 19 अप्रैल को पहले चरण में पांच सीटों पर मतदान होना है। इसके लिए बुधवार को नामांकन का आखिरी दिन था।
मुख्य मुकाबला भले ही कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा हो, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने प्रदेश की सभी पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारकर मुकाबले में तीसरा कोण बनने की कोशिश की है।
प्रभावित किए हैं समीकरण
प्रदेश में पूर्व में हुए लोकसभा चुनावों में बसपा भले ही कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन बसपा प्रत्याशी को मिले मतों ने अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों की जीत के समीकरण जरूर प्रभावित किए हैं। यहां की पांच में से दो सीटें ऐसी रही हैं, जहां बसपा प्रत्याशी को पूर्व में जीत के अंतर से अधिक मत मिले हैं। यानी, बसपा प्रत्याशी को मिले मत पराजित प्रत्याशी के खाते में जाते तो नतीजा बदल सकता था।
राज्य गठन के बाद से ही बसपा उत्तराखंड में मत प्रतिशत और सीटों के हिसाब से तीसरी सबसे बड़ी पार्टी रही है। राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा सबसे उल्लेखनीय प्रदर्शन बसपा ने किया था। पार्टी ने सात सीटों पर जीत दर्ज की और उसे कुल 10.79 प्रतिशत मत मिले थे।
2004 के चुनाव में मिले थे 6.77 प्रतिशत वोट
इसके बाद 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा को 6.77 प्रतिशत मत मिले। हालांकि, उसके प्रत्याशी किसी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाए, लेकिन इस दल के प्रत्याशी ने
नैनीताल-ऊधम सिंह नगर में 50 हजार से अधिक मत प्राप्त किए। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने 49 हजार मतों से जीत दर्ज की थी।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने पांचों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। टिहरी गढ़वाल सीट पर कांग्रेस ने भाजपा पर 52 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी को 74 हजार मत मिले थे। गढ़वाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने भाजपा पर 17 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी को 34 हजार से अधिक मत मिले।
हरिद्वार सीट पर मिले थे 1.81 लाख वोट
हरिद्वार सीट पर कांग्रेस ने भाजपा पर 1.27 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की। यहां बसपा प्रत्याशी को 1.81 लाख मत प्राप्त हुए। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट पर कांग्रेस ने भाजपा को 88 हजार मतों से हराया। यहां बसपा प्रत्याशी को 1.43 लाख मत मिले। अल्मोड़ा सीट पर कांग्रेस ने भाजपा को लगभग सात हजार मतों से हराया। इस सीट पर बसपा प्रत्याशी को 44 हजार से अधिक मत मिले।
सभी सीटों पर उतारे उम्मीदवार
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने फिर से पांचों सीटों पर प्रत्याशी उतारे। पार्टी को 4.8 प्रतिशत मत मिले। हालांकि मोदी लहर में बसपा का कोई भी प्रत्याशी मुकाबले का तीसरा कोण नहीं बन पाया, लेकिन हरिद्वार में पार्टी प्रत्याशी को एक लाख से अधिक मत मिले।
वर्ष 2019 में भी अमूमन यही स्थिति रही। पार्टी ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे। पार्टी को कुल 5.3 प्रतिशत मत मिले। हरिद्वार में पार्टी प्रत्याशी को 1.5 लाख से अधिक मत मिले, लेकिन मोदी मैजिक के सामने बसपा किसी भी सीट पर प्रभाव नहीं छोड़ पाई।
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