Loksabha Election 2024
लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी कर ली है। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इनकी सक्रियता चुनाव में पार्टी के प्रत्याशियों को फायदा दिला सकती है।
काशीपुर। लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा नैनीताल उधम सिंह नगर सीट की अगर बात करी जाए, बीजेपी ने अपना प्रत्याशी पुनः अजय भट्ट को बनाया है पिछले 5 सालों से सांसद अजय भट्ट ने क्षेत्र में जो विकास किया है उसको लेकर जनता के दरबार में जा रहे हैं और हर विधानसभा में चुनावी कार्यालय भी खोले जा रहे है, नैनीताल उधम सिंह नगर उत्तराखण्ड मे सबसे हॉट लोकसभा सीट कहलाती है,
नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट का जिस तरह का भिन्न भूगोल है, वैसा ही जटिल राजनीतिक इतिहास भी। तराई, भाबर व पर्वतीय क्षेत्र में शामिल यह सीट भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत व उनके परिवार की कर्मस्थली रही है। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंत ने भले ही इस सीट से चुनाव न लड़ा हो, लेकिन पांच चुनावों तक उनका ही प्रभाव व्यापक रूप से रहा।
यही कारण था कि यह सीट कांग्रेस की गढ़ बन गई। अब तक के चुनावों में 11 बार कांग्रेस और चार बार भाजपा के प्रत्याशी यहां से संसद पहुंचे हैं।
आजादी के बाद वर्ष 1951 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ। पंडित गोविंद बल्लभ पंत के दामाद सीडी पांडे नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से चुनावी मैदान में उतरे और विजय हासिल की।
लगातार दो बार वह इसी सीट से संसद पहुंचे। तीसरे चुनाव में पंत के पुत्र केसी पंत ने पर्चा भरा और अपनी इस परंपरागत एवं मजबूत सीट से जीत की हैट्रिक लगाई। पंत परिवार का विजय रथ 1977 में थम गया। उस समय भारतीय लोक दल से भारत भूषण ने चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगा दी थी। भूषण की यह जीत पंत परिवार के लिए बड़ा झटका और वर्चस्व टूटने जैसा था।
1980 के संसदीय चुनाव में एक बार फिर राजनीति के ऊंट ने करवट बदल ली। राष्ट्रीय राजनीति में परचम लहरा रहे वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी ने इस सीट से भाग्य आजमाया और शानदार जीत हासिल की।राजनीति में उनका कद और ऊंचा हो गया।
इसके बाद 1984 के चुनाव में कांग्रेस के सत्येंद्र गुड़िया चुनाव जीते। इन्हें तिवारी का ही करीबी माना जाता था। इस चुनाव के बाद से ही इस सीट पर चुनावी समीकरण बदलते गए।
पिछले दो चुनावों से भाजपा ने बना ली मजबूत पकड़
वर्ष 2014 से भाजपा ने इस सीट पर मजबूत पकड़ बना ली है। पहले भगत सिंह कोश्यारी और फिर अजय भट्ट इस सीट से संसद पहुंचे। भाजपा ने एक बार फिर अजय भट्ट को ही प्रत्याशी बना दिया है।
जब जनता दल के महेंद्र और भाजपा के पासी ने मारी बाजी
समय के साथ धीरे-धीरे कांग्रेस का मजबूत सियासी किला हिलने लगा था। वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी चुनावी बाजी हार गए और जीते जनता दल के डा. महेंद्र पाल। इसके बाद वर्ष 1991 का चुनाव और भी रोमांचक एवं चौंकाने वाला रहा।
बलराज पासी भाजपा के नए चेहरे थे और उनके सामने थे कांग्रेस के दिग्गज नेता एनडी तिवारी। इस चुनाव में तिवारी को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा था। देश की राजनीति के लिहाज से यह बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम था। क्योंकि तब कहा जा रहा था कि एनडी प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
इला पंत ने भाजपा से लड़ा चुनाव और जीत गईं
वर्ष 1998 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे केसी पंत की पत्नी इला पंत ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में इस सीट से चुनाव लड़ा। अपनी विशेष चुनाव रणनीति की वजह से वह जीत भी गईं। तब लगने लगा कि कांग्रेस का गढ़ कमजोर हो गया है, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी रहे एनडी तिवारी व डा. महेंद्र पाल के बाद 2009 तक केसी सिंह बाबा ने कांग्रेस के गढ़ को बचाए रखा।
जबकि काशीपुर के रहने वाले सांसद के.सी.सिंह बाबा नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं,कांग्रेस का गढ़ के कहलाये जाने वाली सीट पिछले दो संसदीय चुनाव से हार का मुंह देख रही कांग्रेस पार्टी इस बार फतेह करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और काशीपुर विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को जोड़ने के लिए काँग्रेस पार्टी को मजबूत करते हुए काशीपुर महानगर जिला अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन काँग्रेस पार्टी के सदस्य बना रहे हैं तथा कांग्रेस पार्टी को जमीनी स्तर से मजबूत कर रहे हैं आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को इसका फायदा पहुंच सके, और पार्टी के जो सच्चे सिपाही पार्टी से जुड़ रहे हैं वह सिपाही पार्टी को तन मन धन से चुनाव लड़ा कर विजय हासिल करा सकें
आपको बता दे कि काशीपुर महानगर जिला अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन ने अपनी सक्रियता फील्ड में बढ़ा दी है। लोकसभा चुनाव को लेकर इस रमजान के पर्व में भी पिछले दिनो से फील्ड मे सक्रिय दिखाई दे रहे है।इस दौरान विधानसभा हलकों में जाकर लोगों से मिल रहे,आम जनता तक पहुंच रहे
कुल मिलकर उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कुछ माह पूर्व काशीपुर में लोकसभा कार्यकर्ताओं व काँग्रेस विधायको का सम्मेलन किया गया कांग्रेस की रीति नीतियों को जन-जन तक पहुँचाया जाये, पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने जो देश को बर्बाद किया,जनता को बताना सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था,उत्तराखण्ड में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी करते हुए,कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने काशीपुर से लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया था
कांग्रेस पार्टी नैनीताल लोकसभा सीट पर दोबारा काबिज होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है उसी क्रम मे उत्तराखंड काँग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के निर्देशानुसार महानगर जिलाअध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन के नेतृत्व में वार्ड नंबर 1 रामपुर नीझडा (सैनिक कॉलोनी) मैं अर्जुन रावत के प्रतिष्ठान में वार्ड कमेटी को लेकर मीटिंग का आयोजन किया गया
जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ललित रावत ने किया जिसमें वार्ड कमेटी गठन को लेकर आपसी विचार विमर्श कर सर्व समिति से वार्ड कमेटी का वार्ड नंबर 1 रामपुर निझड़ा(सैनिक कॉलोनी)के अध्यक्ष मान सिंह राणा को चुना गया इस मीटिंग में आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई तथा 10 दिन के भीतर वार्ड की पूरी कमेटी का गठन कर महानगर जिलाध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन को सूचित किया जाएगा
इस मौके पर मंडलम अध्यक्ष मंसूर अली मंसूरी, पार्षद आरिफ सैफी, देवेंद्र रावत, हनीफ गुड्डू, किशोर सिंह अरोड़ा, सुरेश पाल, शमीम अंसारी, उस्मान, सोई सिंह, k.s. काराकोटी, सुरेंद्र सिंह बरेजा, अमित पाल सिंह रावत, शशांक सिंह बिष्ट,आदि लोग मौजूद रहे।
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