काशीपुर- दो दिवसीय कृषि संगम में शामिल 10 विश्वविद्यालय व संस्थानों में एग्री प्लेटफॉर्म बनाने पर समझौता हुआ। एग्री प्लेटफॉर्म बनने के बाद उत्तराखंड के स्टार्टअप भी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से जुड़ सकेंगे। उन्हें एक क्लिक पर अन्य राज्यों के स्टार्टअप व विश्वविद्यालय व संस्थानों में लॉन्च होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी मिल सकेगी।
आईआईएम के इनक्यूबेशन सेंटर, फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (फीड) द्वारा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कृषि संगम का समापन हुआ। इसमें प्रतिभाग कर रहे देश के 10 विश्वविद्यालय और संस्थानों में एग्री प्लेटफॉर्म बनाने पर सहमति बनी। कार्यक्रम के बाद आईआईएम के निदेशक प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईएम फीड निदेशक प्रो. सफल बत्रा ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी। बताया कि कृषि संगम में यह बात सामने आई कि कृषि से संबंधित समस्याओं को अकेले हल नहीं किया जा सकता। इसके लिए एक संगठन की जरूरत है। कृषि मंत्रालय ने भी इस पहल की सराहना की है। कहा कि 10 विश्वविद्यालय व आईआईएम मिल गए तो बड़े स्तर पर स्टार्टअप खड़े कर पाएंगे। कृषि के क्षेत्र में पशुपालन, मछली पालन व साइंस से संबंधित स्टार्टअप भी आगे आएंगे। कहा कि यह संगठन न केवल सफल स्टार्टअप, बल्कि फेल हो रहे स्टार्टअप का भी नॉलेज बैंक बनाकर कृषि मंत्रालय तक पहुंचाएगा, ताकि अच्छी पॉलिसी बनाई जा सके। यह संगठन हर साल देश के अलग-अलग हिस्सों में एक बार मिलेगा। कहा कि हर एक अकादमिक संस्थान अपने-अपने राज्य में स्टार्टअप को सहयोग कर रहा है। संगठन के माध्यम से स्टार्टअप अपने राज्य से निकलकर अन्य राज्यों में भी बेहतर काम कर सकता है। इसके लिए कृषि प्लेटफॉर्म बहुत ही निर्णायक कदम है। उत्तराखंड में काम कर रहा स्टार्टअप छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान से कनेक्ट हो सकता है, जिससे वह बेहतर भविष्य, टेक्नोलॉजी, मार्केट, बिजनेस डेवलप कर सकता है। यह निर्णायक समझौता है। इसमें स्टार्टअप का डाटाबेस एक-दूसरे को शेयर करने पर सहमति बनी है।
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