November 23, 2024

Uttarakhand Ki Sachchai

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अपराधियों के छिपने के लिए बेहद महफूज अड्डे बन रहे उत्तराखण्ड के ये ठिकाने!

आरिफ खान की रिपोर्ट

कुख्यात अंडरवर्ल्ड सरगना लॉरेंस विश्नाई गैंग के एक गैंगस्टर की देहरादून से गिरफ्तारी के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि उत्तराखंड में किस तरह मुजरिम अपनी पनाह बना रहे हैं. खास तौर से पंजाब के अपराध जगत के सीधे कनेक्शन उत्तराखंड से जुड़े हैं, तो पुलिस भी सोच में पड़ गई है.

देहरादून(आरिफ खान की रिपोर्ट) पिछले एक साल में उत्तराखंड एसटीएफ और पंजाब पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में ऐसे 4 मामले सामने आए हैं, जो बताते हैं कि उत्तराखंड की वादियां अपराधियों की ‘सेफहाउस’ बन रही हैं. क्राइम को अंजाम देने के बाद उत्तराखंड में आरोपियों को छिपने के लिए सबसे मुफीद ठिकाने मिल रहे हैं. खासतौर पर वो इलाके जहां इंस्टिट्यूटों की भरमार है और हॉस्टल या पीजी आसानी से मिल जाते हैं. इस थ्योरी के उभरने के संकेत यही हैं कि राज्य की पुलिस इस दिशा में छानबीन कर रही है.

प्रेमनगर के मांडूवाला में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शॉर्प शूटर हरवीर सिंह के गुरुवार को पकड़े जाने के बाद एक बार फिर उत्तराखंड की शांत वादियां सुर्खियों में हैं. प्रदेश के कुछ इलाके शिक्षा हब के तौर पर उभर रहे हैं और यहां इंस्टिट्यूटों में बाहरी राज्यों से आकर पढ़ रहे स्टूडेंट्स की भी कुछ मामलों में संलिप्तता पाई गई. अब उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ की टीम अब पीजी और हॉस्टलों में रह रहे स्टूडेंटों के वैरिफिकेशन को भी खंगालने लगी है.

— जनवरी 2022 में पंजाब के पठानकोट बम ब्लास्ट के आतंकी साजिशकर्ता को शरण देने में ऊधम सिंह नगर से 4 आरोपियों को उत्तराखंड एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था.

चर्चा में रहीं ये बड़ी घटनाएं
— 2017 में गैंगस्टर देवपाल राणा को मारने वाला शूटर पुलिस लाइन में किराये के मकान में रहता मिला था.

वहीं, डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि छिपने के लिहाज़ से आरोपियों को यह महफूज़ जगह लगती है इसलिए सभी लोगों को किरायेदारों का वैरिफेशन जरूर करवाना चाहिए. अब एजुकेशन हब और टूरिस्ट प्लेस होने के नाते उत्तराखंड में बढ़ रही गतिविधियों से चिंता तो बढ़ ही रही है, समझदारी यही है कि आप थोड़ी सतर्कता बरतें और अपराध को रोकने में अपना योगदान दें.