November 23, 2024

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महिला आरक्षण में पिछड़े वर्ग को क्षैतिज आरक्षण न देकर भाजपा पिछड़े वर्गों की राजनीति को नेस्तानबूत करना चाहती है:मुक्ता सिंह

Uttarakhand News: महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को लेकर सियासी दलों के नेताओं का बीजेपी (BJP) पर हमला जारी है. अब उत्तराखंड कांग्रेस की पीसीसी सदस्य मुक्त सिंह ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. महिला आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी महिलाओं को बेवकूफ बनाने पर उतारू है. एक तो साढ़े नौ साल से ज्यादा महिला आरक्षण का इंतजार कराया. अब आरक्षण का बिल लेकर आये भी हैं तो इसे 2024 से लागू नहीं करेंगे.

Women Reservation Bill, बीजेपी की नियत में खोट:मुक्ता सिंह

महिला आरक्षण संबंधी विधेयक में पिछड़े वर्ग की महिलाओं को आरक्षण ना देना बीजेपी की पिछड़ा वर्ग विरोधी सोची समझी रणनीति और साजिश का हिस्सा है,मुक्ता सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण में पिछड़े वर्ग की गरीब वंचित कमजोर तबके की महिलाओं को आरक्षण न देकर उनको सदन से बाहर रखने की रणनीति बनाई है,
ये बात वैसी ही हो गई न, खाना है, बीजेपी ने खाने वालों को खाना परोसा भी दिया, लेकिन जिसे भूख लगी है, उसे खाना दिखाकर कहा जा रहा है कि इसे अभी आप खा नहीं सकते. महिला आरक्षण बिल पर बीजेपी और केंद्र सरकार ठीक वैसी ही बात कर रही है. नये संसद के पहले दिन महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया, लेकिन महिलाओं को आरक्षण का लाभ 2024 लोकसभा चुनाव में नहीं मिलेगा. इसका लाभ उन्हें 2026 के बाद मिलेगा. जबकि बीजेपी महिलाओं को वोट 2024 में ही हासिल करना चाहती है.

आरक्षण सिर्फ 15 साल के लिए क्यों?

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की पीसीसी सदस्य मुक्त सिंह का कहना है कि बीजेपी की नीयत साफ नहीं है. उसने महिला आरक्षण बिल में ऐसे-ऐसे प्रावधान जोड़े हैं, जिसके तहत महिलाओं को आरक्षण का लाभ तत्काल नहीं मिलेगा. लोकसभा चुनाव के बाद पहले जनगणना होगा. उसके बाद सीटों का परिसीमन होगा. ये सब काम साल 2026 के बाद ही पूरा हो पाएगा. ये सब हो भी लाएगा तो आरक्षण का लाभ केवल 15 साल तक मिलेगा. जबकि कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में पास महिला आरक्षण विधेयक में महिलाओं को हमेशा के लिए आरक्षण की बातें कही गई हें.

बीजेपी OBC को नहीं देना चाहती आरक्षण का लाभ
कांग्रेसी नेत्री मुक्त सिंह ने कहा कि अगर बीजेपी साल 2010 में राज्यसभा में पारित बिल ही लोकसभा में पेश करती तो, विरोध ही नहीं होता. इतना ही नहीं, इस बिल में कहा गया है कि राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में आरक्षण का लाभ महिलाओं को नहीं मिलेगा. हकीकत यह है कि बीजेपी का लोकतंत्र में भरोसा ही नहीं है. बीजेपी ओबीसी का आरक्षण का लाभ नहीं देना चाहती है.

केंद्र की नीयत में खोट

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की पीसीसी सदस्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री मुक्त सिंह ने कहा कि साल 2019 में भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन बीजेपी की नीयत में खोट है. यही वजह है कि वो महिलाओं आरक्षण के लाभ वंचित रखने के लिए अपने हिसाब से महिला आरक्षण बिल पास कराना चाहती है.

महिला आरक्षण बिल पर सियासत: मुक्ता ने कहा- अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया जाए, मुक्ता ने चुनावी प्रलोभन बताया

लेकिन कुछ मांगों को उठाते हुए मोदी सरकार को घेरा भी. जहां मुक्ता सिंह ने महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक महिलाओं को शामिल करने की बात कही. तो वही मुक्ता सिंह ने इसे चुनावी प्रलोभन बताया. इसमें एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया जाए,जब बीजेपी सरकार का 1 दशक पूरा होने जा रहा है, अब सरकार को महिलाओं की याद आई है. मेरा सवाल है कि यह 2024 लोकसभा चुनाव में लागू हो पाएगा या नहीं. और 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव में यह लागू होगा या नहीं. सरकार कब जनगणना कराएगी. मेरा सवाल ये है कि क्या ये सरकार जातिगत जनगणना कराएगी. पीएम मोदी खुद बात करते हैं तीन तलाक की, अल्पसंख्यक महिलाओं को न्याय दिलाने की, भाजपा सरकार अगर अल्पसंख्यकों की सच्ची हितेषी है तो सरकार इस बिल में मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल करें