
आरिफ खान की रिपोर्ट
नैनीताल से बड़ी खबर
गौमांस के शक में हिंसा और बैलपड़ाव पुलिस चौकी के अंदर हुई तोड़फोड़ पर नैनीताल हाईकोर्ट ने पुलिस पर ऐसा वार किया है कि पूरा सिस्टम हिल गया है!
अदालत ने कहा —
“जब चौकी में पुलिस मौजूद थी तो फिर भीड़ ने कानून अपने हाथ में कैसे लिया? पुलिस मूकदर्शक क्यों बनी रही? ऐसे पुलिसकर्मी फोर्स में रहने के लायक नहीं हैं!”
कोर्ट ने चौकी इंचार्ज और कालाढूंगी SHO की भूमिका पर भी सवाल उठाए और आदेश दिया है कि उनकी लापरवाही की गहराई से जांच की जाए आखिर किसकी वजह से चौकी के अंदर ये शर्मनाक दृश्य देखने को मिले?
वीडियो फुटेज में सब कुछ साफ!
कोर्ट ने कहा,,वीडियो में तोड़फोड़ करने वाले साफ नज़र आ रहे हैं, लेकिन पुलिस ने किसी पर भी कार्रवाई नहीं की!
इसे अदालत ने “पुलिस की नाकामी”करार दिया और चेताया
“इस तरह की लापरवाही सामाजिक सौहार्द के लिए खतरे की घंटी है!”
भैंस के मीट की ट्रांसपोर्टिंग पर सख्त निर्देश
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि अब भैंस के मीट की ढुलाई के दौरान पुलिस सुरक्षा अनिवार्य होगी
बरेली से रामनगर आने वाली हर गाड़ी को कालाढूंगी पहुंचते ही पुलिस सुरक्षा मिलेगी,जवान गाड़ी के साथ रहकर उसे सुरक्षित रामनगर तक पहुंचाएंगे
झूठी सूचना फैलाने वालों पर भी गाज!
कोर्ट ने यह भी कहा,उस व्यक्ति को ढूंढा जाए जिसने गौमांस की झूठी सूचना देकर भीड़ को भड़काया था।
यही झूठी सूचना छोई क्षेत्र में पिकअप चालक नासिर पर हमले और चौकी में तोड़फोड़ का कारण बनी थी
छोई और बैलपड़ाव केस की एक साथ होगी सुनवाई
कोर्ट ने दोनों मामलों को एक साथ सुनने का आदेश दिया और पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
पुलिस पर हाईकोर्ट सख्त
हाईकोर्ट की यह टिप्पणी अब सिर्फ एक फैसले से बढ़कर बन गई है,यह चेतावनी है उन पुलिसकर्मियों के लिए जो भीड़ के आगे घुटने टेक देते हैं।
“जब चौकी की दीवारें भी सुरक्षित नहीं, तो जनता कैसे रहे बेखौफ?”
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