December 22, 2025

धाकड़ धामी का भ्रष्टाचार पर प्रहार!काशीपुर मंडी प्रभारी सचिव 1.20 लाख की रिश्वत लेते आखिर क्यो हुआ रंगे हाथो गिरफ्तार, क्या थी असली वजह जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

आरिफ खान की रिपोर्ट

काशीपुर मंडी में रिश्वतखोरी का पर्दाफाश,प्रभारी सचिव 1.20 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस की सरकार का सख्त संदेश: भ्रष्टाचारी अब नहीं बचेंगे!

काशीपुर (उत्तराखंड)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भ्रष्टाचार के विरुद्ध छेड़े गए अभियान को बड़ी सफलता मिली है। विजिलेंस हल्द्वानी की टीम ने मंडी समिति काशीपुर के प्रभारी सचिव पूरन सैनी को ₹1,20,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह रकम मंडी में लाइसेंस बनवाने के एवज में ली जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार,आरोपी सचिव ने एक लाइसेंस के बदले ₹60,000 की डील तय की थी, जिसकी शिकायत मिलने पर विजिलेंस की टीम ने ट्रैप ऑपरेशन रचा।

आरोपी से पूछताछ जारी है और मंडी समिति में अन्य संलिप्त कर्मचारियों की भी भूमिका की जाँच की जा रही है।

आरोप है कि प्रभारी सचिव ने लाइसेंस जारी करने के नाम पर दो दुकानदारों से उक्त रकम मांगी थी।

ग्राम सरवरखेड़ा निवासी फल-सब्जी मंडी समिति के अध्यक्ष शफायत चौधरी और शकील चौधरी की मंडी में लगभग 9-10 साल से दुकान है। यहां हर वर्ष दुकानों के लाइसेंस रिन्यू किए जाते हैं। लगभग 30 दुकानों के लाइसेंस रिन्यूवल की प्रक्रिया चल रही है। शफायत चौधरी और शकील चौधरी ने भी लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए 8-10 दिन पहले आवेदन किया था। इस संबंध में उनकी मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी निवासी लक्ष्मीपुर पट्टी से बातचीत चल रही थी।

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सैनी ने इसके लिए उनसे 60-60 हजार रुपये बतौर सुविधा शुल्क मांगे थे जबकि लाइसेंस रिन्यूवल की फीस करीब 250 रुपये है। काफी प्रयास के बाद जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने 1064 नंबर पर शिकायत की। मंगलवार की शाम करीब साढ़े चार बजे हल्द्वानी से पहुंची विजिलेंस टीम ने मंडी समिति कार्यालय पहुंचकर प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ लिया।

विजिलेंस टीम ने शुरू की पूछताछ
विजिलेंस टीम ने प्रभारी सचिव और दोनों शिकायतकर्ताओं से इस संबंध में पूछताछ देर रात जारी रही। जैसे ही इस मामले की जानकारी समिति के आढ़तियों व कर्मियों को लगी परिसर में हड़कंप मच गया। घटना के संबंध में जानकारी जुटाने बड़ी संख्या में लोग समिति कार्यालय के बाहर जमा हो गए। इस दौरान पुलिस टीम ने किसी को भी समिति कार्यालय गेट से अंदर नहीं घुसने दिया। समाचार लिखे जाने तक विजिलेंस टीम की कार्रवाई जारी थी। अभी विजिलेंस टीम की ओर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। फिलहाल टीम मंडी समिति के प्रभारी सचिव से पूछताछ कर रही है और रिश्वतखोरी से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच की जा रही है।

आठ महीने रह गए थे सेवानिवृत्ति के
विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी लगभग 7-8 महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। लगभग दो महीने पहले ही पूरन सिंह सैनी ने समिति में प्रभारी सचिव का कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह यहां पर लगभग 15-20 साल अकाउंटेंट के पद पर कार्य कर चुके हैं।

अपने पहले कार्यकाल में भी रह चुके हैं चर्चा में
फल-सब्जी मंडी समिति के अध्यक्ष शफायत चौधरी व शकील चौधरी ने बताया कि जब पूरन सिंह सैनी यहां अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत थे तब वह बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करते थे। इस संबंध में कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। बताया कि वह अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी व्यापारियों में चर्चा में रहते थे।

लाइसेंस रिन्यूवल के रुपये हैं तय
मंडी समिति के दुकानदारों ने बताया कि लाइसेंस रिन्यूवल की विभागीय फीस लगभग 250 रुपये है। जबकि यह लोग लाइसेंस के नाम पर मोटी रकम की मांग करते हैं। दुकानदारों ने बताया कि फल मंडी के दुकानदारों से 60 हजार रुपये तक और अनाज मंडी में 35 हजार रुपये तक रिश्वत लेकर लाइसेंस रिन्यूवल करने का खेल चल रहा है।

 उत्तराखंड में भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा!

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया काशीपुर मंडी समिति का प्रभारी सचिव

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जीरो टॉलरेंस नीति पर बढ़ती सरकार ने मारा करारा प्रहार

 लाइसेंस बनवाने के नाम पर चल रही थी उगाही

मुख्यमंत्री धामी के “धाकड़ मिशन” को और ताकत


इस कार्रवाई ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की उस जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत किया है, जिसके तहत सरकार ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाया जाएगा। धामी का दो टूक संदेश है — “जो भी रिश्वत लेगा, जेल जाएगा!”

मुख्यमंत्री धामी की सख्त चेतावनी:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि “उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है।” उन्होंने कहा है:

“जीरो टॉलरेंस केवल नारा नहीं, यह हमारी शासन प्रणाली की आत्मा है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड को ईमानदार और पारदर्शी शासन देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”

जीरो टॉलरेंस नीति बनी उत्तराखंड की नई पहचान

धामी सरकार की *जीरो टॉलरेंस नीति* अब केवल प्रशासनिक शब्द नहीं, बल्कि *एक्शन में दिखाई दे रही हकीकत* बन चुकी है। प्रदेश में हर विभाग और हर जिम्मेदार अफसर को साफ संदेश दे दिया गया है — *भ्रष्टाचार अब नहीं बर्दाश्त किया जाएगा।*