
आरिफ खान की रिपोर्ट
देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में महिला सशक्तिकरण के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। सरकार ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं, बल्कि पुलिस महकमे में भी महिला अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है।

राज्य के इतिहास में पहली बार कुमाऊं रेंज की कमान किसी महिला आईपीएस अधिकारी को सौंपी गई है। आईजी रिधिम अग्रवाल को कुमाऊं रेंज की जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री ने न केवल उन पर भरोसा जताया है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि उत्तराखंड में महिलाओं की भागीदारी प्रशासन और कानून व्यवस्था में बढ़ती रहेगी।
रिधिम अग्रवाल – ईमानदारी और सख्ती की पहचान
रिधिम अग्रवाल इससे पहले उधम सिंह नगर की एसएसपी रह चुकी हैं, जहां उन्होंने अपनी कड़ी कार्यशैली और निष्पक्ष रवैये से अपराधियों पर नकेल कसी थी। उनके नेतृत्व में जिले में अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन लिया गया, जिससे वह जनता के बीच “नंबर वन कप्तान” के रूप में प्रसिद्ध हुईं। उनकी कार्यशैली का ही नतीजा है कि आज कुमाऊं की जनता को विश्वास है कि अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई और मजबूत होगी।
कुमाऊं में महिलाओं का बढ़ा आत्मविश्वास
रिधिम अग्रवाल के कुमाऊं आईजी बनने से न केवल अपराधियों में खौफ पैदा हुआ है, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास को भी नया बल मिला है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां महिलाएं सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही थीं, अब वे खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी की इस पहल से स्पष्ट है कि सरकार महिला अधिकारियों को नेतृत्व देने और महिलाओं की सुरक्षा व विकास को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। पहाड़ से लेकर मैदान तक, महिलाएं अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, और सरकार उनके हर कदम पर मजबूती से खड़ी है।
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