आरिफ खान की रिपोर्ट
देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक बार फिर अपनी मैनुअल पुलिसिंग और कड़ी मेहनत से साबित कर दिया है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। 11 साल से फरार चल रहे अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्कर रवीन्द्र सिंह को नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
रवीन्द्र सिंह पर 50 हजार का इनाम घोषित था। ये गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी दीपम सेठ के “विशेष अभियान” का हिस्सा है, जिसमें वर्षों से फरार बदमाशों को दबोचने के सख्त निर्देश दिए गए थे।
कैसे बनी गिरफ्तारी की प्लानिंग?
एसटीएफ ने इस ऑपरेशन में महीनों तक मैनुअल खुफिया जानकारी जुटाई। पता चला कि रवीन्द्र सिंह नेपाल के बिरगंज में स्थायी ठिकाना बनाकर वहां से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था। इसके साथ ही उसने बिहार के मोतीहारी में भी एक मकान बना रखा था।
उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ के द्वारा उत्तराखण्ड में विगत काफी समय से वांछित चल रहे ईनामी बदमाशों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे “विशेष अभियान” के अन्तर्गत ठोस कार्यवाही करने हेतु अपने मातहतों को कड़े दिशा-निर्देश दिये गये हैं जिसके अनुपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा अपनी सभी टीमों को उत्तराखण्ड़ के ईनामी और गैंगस्टर पर कड़ी कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है जिसके अनुक्रम में कल देर रात एसटीएफ की टीम द्वारा जनपद मोतीहारी, बिहार के नेपाल बार्डर से एक कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय ड्रग डीलर रवीन्द्र सिंह पुत्र बादल सिंह, जिस पर 50 हजार का ईनाम घोषित था एवं पिछले 11 वर्षों से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था, को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह भुल्लर द्वारा मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि दिनांक 12/12/13 को थाना काठगोदाम जनपद नैनीताल में अभियुक्त प्रदीप पुत्र सुखीराम निवासी जिन्द हरियाणा एवं रवीन्द्र सिंह पुत्र बादल सिंह निवासी महिपालपुर थाना वसन्तकुंज दिल्ली को 6.610 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था । जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दोनों की जमानत कर दी गयी थी परंतु जमानत पर बाहर निकलने के पश्चात अभियुक्त रविन्द्र दुबारा कभी माननीय न्यायालय में पेश नहीं हुआ, जिस पर उसकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय द्वारा वर्ष 2013 में गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया था । इस मामले में रविन्द्र के साथी प्रदीप को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनायी जा चुकी हे । अभियुक्त रविन्द्र की गिरफ्तारी के लिए जनपद स्तर व रेंज स्तर पर काफी प्रयास किए गये परंतु अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हो पाने पर उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ परिक्षेत्र द्वारा 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। जिस पर एसटीएफ की टीम के निरीक्षक श्री अबुल कलाम के नेतृत्व मे गठित टीम द्वारा अभियुक्त रविन्द्र के बारे में मैनुवली सूचनायें एकत्रित की गयी, जिससे जानकारी मिली की फरार अभियुक्त रविन्द्र ने कस्बा परवाणीपुर जिला बिरगंज नेपाल में अपना मकान बना लिया है और वहीं से ही ड्रग्स की सप्लाई उत्तर प्रदेश के कानपुर,आगरा, उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर व दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों मे कर रहा है। अभियुक्त की और जानकारी पर उसके परिवार के बारे में पता चला की उसने अपना एक और मकान जिला मोतीहारी, बिहार में बना रखा है। जिस पर एसटीएफ की टीम द्वारा पिछले कई हफ्तों से कस्बा मोतीहारी मे भेष बदल कर रहकर उसके परिवार से मिलने जुलने वालों की रैकी की गयी जिसके फलस्वरूप अभियुक्त रविन्द्र की गिरफ्तारी में सफलता प्राप्त हुई है। अभियुक्त से पूछताछ में जानकारी मिली की अभियुक्त ने अपना एक काफी बडा ड्रग नेटवर्क तैयार कर लिया था जिसके माध्यम से वह उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली मे चरस सप्लाई कर रहा था। एसटीएफ ने पूछताछ मे कई ड्रग तस्करों के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की है जिस पर आगे कार्यवाही की जायेगी।
गिरफ्तार अभियुक्त का नाम-
रवीन्द्र सिंह पुत्र बादल सिंह निवासी महिपालपुर थाना वसन्तकुंज दिल्ली ।
अभियुक्त का आपराधिक इतिहास-
अभियुक्त रवीन्द्र सिंह पुत्र बादल सिंह पहले भी मु.अ.सं. 72/2010 धारा 498A, 489D, व 489C भादवि थाना नबी करीम, दिल्ली मे नकली सिक्के व नोट तथा जाली सरकारी स्टाम्प बनाने के अपराध मे दिल्ली पुलिस द्वारा पहाड़गंज दिल्ली से रेड के दौरान गिरफ्तार किया गया है।
रवीन्द्र का ड्रग नेटवर्क
गिरफ्तार रवीन्द्र सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह लंबे समय से चरस की बड़ी खेप उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सप्लाई कर रहा था। उसके नेटवर्क के तार अंतर्राष्ट्रीय ड्रग डीलरों से जुड़े हो सकते हैं। एसटीएफ ने कई महत्वपूर्ण सुराग हासिल किए हैं और जल्द ही अन्य तस्करों पर कार्रवाई की जाएगी।
एसटीएफ की टीम
इस बड़ी सफलता के पीछे एसटीएफ की कड़ी मेहनत है। टीम में शामिल थे:
निरीक्षक अबुल कलाम
उ0नि0 यादविंदर सिंह बाजवा
उ0नि0 विध्या दत्त जोशी
उ0नि0 कृपाल सिंह
अ0उ0नि0 संजय मेहरोत्रा
हे0का0 संजय कुमार
हे0का0 महेन्द्र नेगी
का0 मोहन असवाल
का0 गोविन्द बल्लभ
पुलिस को बधाई
उत्तराखंड एसटीएफ ने अपनी निपुणता और समर्पण से एक बार फिर साबित कर दिया है कि कानून से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता। पुलिस विभाग इस साहसी टीम की तारीफ कर रहा है।
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