आरिफ खान की रिपोर्ट
काशीपुर: कांग्रेस में नगर निगम मेयर पद के लिए दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त में लगातार इजाफा हो रहा है। हर कोई खुद को जनता का सबसे बड़ा नेता साबित करने में जुटा है। लेकिन यह बढ़ती हुई लम्बी फेहरिस्त कांग्रेस के लिए वरदान बनने के बजाय सिरदर्द साबित हो रही है।
राजनीतिक गलियारों में खबर है कि कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। मेयर पद के लिए प्रमुख दावेदारों में संदीप सहगल का नाम सबसे ऊपर था, लेकिन अन्य दावेदारों की बढ़ती संख्या ने उनकी राह मुश्किल कर दी है। इस बीच, पार्टी के भीतर बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अगर पार्टी ने सही निर्णय नहीं लिया, तो इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।”
कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान ने विरोधी दलों को भी मौका दे दिया है। बीजेपी और अन्य दल इस विवाद को अपने पक्ष में भुनाने की तैयारी में जुट गए हैं। क्या कांग्रेस इस संकट से बाहर निकल पाएगी, या फिर यह दावेदारों की भीड़ पार्टी को चुनाव में ले डूबेगी?
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