
नई दिल्ली:उर्दू के वरिष्ठ पत्रकार अथवा हमारा समाज उर्दू दैनिक के एडिटर आमिर सलीम खान का गत 12 दिसंबर 2022 को दिल्ली के जीबी पंत हस्पताल में हार्ट अटैक पड़ने की वजह से देहांत हो गया था। उनके अचानक देहांत की ख़बर से उनके चाहने वाले विशेषकर उर्दू पत्रकार बिरादरी सकते में आ गए। इतना ही नहीं हर किसी के लिए यह यकीन करना की अब आमिर सलीम हमारे बीच नहीं हैं बहुत कठिन हो रहा है लेकिन मौत से किसको छुटकारा है। स्वर्गीय आमिर सलीम खान के अचानक देहांत पर अदनान अशरफ, नेशनल मीडिया इंचार्ज AICC अल्पसंख्यक मोर्चा एवं मीडिया कोर्डिनेटर दिल्ली MCD ने स्वर्गिय सलीम को श्रद्धांजलि देते हुए एक शेर के माध्यम से कहा कि
“इक हक़ परसत था सहाफी न रहा, गुफ्तार का किरदार का गाज़ी न रहा। लड़ता था जो जंग सदा उर्दू की, अफसोस वो उर्दू का सिपाही न रहा।
स्वर्गीय आमिर सलीम एक निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के साथ एक बेहतरीन राजनीतिक विश्लेषके भी थे।
उनके निधन से उर्दू पत्रकारिता का अपूरणीय क्षति हुआ है। उन्हों ने कहा कि उर्दू जबां की तरक़्क़ी के लिए हमेशा सरकार से आंख में आंख डालकर वह बात किया करते थे।
देश ने एक ईमानदार और बेबाक पत्रकार को खोया है जिसकी पूर्ति एक लंबे समय तक होना मुश्किल है। अल्लाह मरहूम को जन्नत में जगह दे और उनके परिवार को सब्र दे।

संपादक – उत्तराखंड की सच्चाई
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