आरिफ खान की रिपोर्ट
जसपुर।मनुष्य भगवान के बाद किसी की पूजा करता है तो वह होता है डॉक्टर,अगर डॉक्टर धरती पर स्वर्ग तलाशने के लिए धन दौलत को ही अपना सब कुछ समझने लगे तो मरीज को अपनी जान तो गवानी ही पड़ेगी।कुछ ऐसे ही दौलत कमाने का कारनामा हो रहा है नगर के मानक विहीन निजी अस्पताल में,जहां डाक्टरों के धन की भूख ने एक बेगुनाह मरीज की जान ले ली
निजी अस्पताल गर्भवती महिला की मौत हो गई।इलाज के नाम पर चिकित्सक की लापरवाही से महिला की मौत तक हो गई,डाक्टरों पर गलत इंजेक्शन लगाने के आरोप लगाते हुए परिजनो ने कार्रवाही की मांग की है, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।परिजनो ने डाक्टर को शैतान बताया है
विवाहिता की मौत होने पर परिजनों ने हंगामा काटा तो अस्पताल संचालकों ने पुलिस को बुला लिया।
मंगलवार को रहमानिया मैरिज हॉल के पास रहने वाली फूलजहां पत्नी मुजक्किर हुसैन 24 वर्ष अपने पति के साथ ठाकुरद्वारा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में नो सप्ताह के भ्रूण की डीएनसी कराने आई थी। बताते है कि महिला के पेट में भू्ण नष्ट हो चुका था। आरोप है कि डीएनसी से पहले डाक्टरों ने महिला को इंजेक्शन लगाया।तो महिला की सांस उखड़ने लगी। महिला की हालत बिगड़ता देख डाक्टरों ने परिजनों से उसे बाहर ले जाने की सलाह देकर काशीपुर के एक निजी अस्पताल से एंबुलेंस बुला ली। एंबुलेंस आने पर एंबुलेंस के सहायक चिकित्सा कर्मी ने महिला को अस्पताल ले जाने से पहले परीक्षण किया। तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। महिला की मौत की खबर सुनकर परिजनों में चीख पुकार मच गई। वह डाक्टरों पर आरोप लगाने लगे। इस बीच अस्पताल संचालकों ने पुलिस को भी बुला लिया। निजी अस्पताल के डाक्टरों ने महिला को जिंदा होने की बात कहते हुए उसे सरकारी अस्पताल भिजवा दिया। ईएमओ डा. मेहताब ने महिला को देखते ही मृत घोषित कर दिया। महिला के परिजनों ने बताया कि गलत इंजेक्शन लगने से महिला की मौत हुई है।
कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि महिला के शव का पोस्टमार्टम डाक्टरों के पैनल से कराया जायेगा। वीडियोग्राफी भी कराई जायेगी। प्रभारी सीएमएस डा. धीरेंद्र गहलोत ने बताया कि महिला की सांसे उखड़ने लगी थी। मौत कैसे हुई जांच के बाद सामने आयेगा। बता दें कि निजी अस्पताल में 12 साल पहले भी एक महिला की मौत हो गई थी। मामले में डाक्टर एवं महिला के परिजनों ने एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराये थे। बताते है कि अस्पताल में आये दिन कोई न कोई मामला होता रहता है। आईएमए अध्यक्ष डा. एमपी सिंह ने बताया कि निजी अस्पताल के डाक्टर आईएमए के सदस्य नहीं है।
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