आरिफ खान की रिपोर्ट
Forest Department : वन विभाग को बदनाम करने की एक तमाम कोशिश की जा रही है। जिसको लेकर डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य जल्द ऐसे लोगों पर जल्द कार्रवाई करने वाले हैं।
मामला खैर की लड़कियों से जुड़ा हुआ है। जिसको वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत दिखाकर वन विभाग को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
आपको बता दें कि बीते दिनों थाना कुंडा पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी थी। लाखों की ख़ैर की लड़कियां पुलिस ने बरामद की थी। और इस कार्रवाई में पुलिस ने अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया था और माफियाओं के मुंह पर एक करारा तमाचा भी मारा हैं। पुलिस की कार्यवाही से तो क्षेत्र के वासी काफी खुश है क्योंकि कुंडा थाना पुलिस ने पहले भी कई बड़े ऐसे खुलासे किए थे जो चौंकाने वाले थे उन्हें में से एक खुलासा था दवाइयां की फैक्ट्री जिसमें लाखों की तादाद पर एक अवैध दवाई की फैक्ट्री पर पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की थी। और ऐसे बड़े खिताब पुलिस ने अपने नाम दर्ज कराए है और अपने होने का एहसास कराया और माफियाओं के हौसलो को तोड़ दिया
लेकिन पुलिस की इस कार्यवाही से कुछ लोग वन विभाग को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं खैर की लड़कियों का जखीरा जो पुलिस ने पकड़ा था उसका लिंक अब काशीपुर रेंजर ऑफिस से जोड़ा जा रहा है और कुछ लोगों द्वारा वन विभाग को बदनाम करने की कोशिश में कहा जा रहा है कि यह काशीपुर रेंजर ऑफिस कर्मचारियों की मिली भगत से चल रहा था जिस पर वन विभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य द्वारा बारिकी से जांच की गई लेकिन जांच में कुछ भी ऐसा लिंक नहीं मिला जिससे वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हो उसके बावजूद भी अब डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य और अन्य अधिकारियों पर फोन करके काशीपुर रेंजर ऑफिस पर सवाल खड़े कर रहे हैं और रेजंर ऑफिस को बदनाम करने की एक नजाइश कोशिश की जा रही है।
लेकिन जानकारी यहां तक है कि आरोप लगाने वाले व्यक्तियों द्वारा किसी भी तरीके का कोई ठोस सबूत वन विभाग के उच्च अधिकारियों को नहीं दिए गए। जिससे यह साबित हो सकें कि काशीपुर रेंजर ऑफिस की मिलीभगत से अवैध रूप से पेड़ों को काटा जा रहा है।
काशीपुर रेंज पर जिस तरीके के गंभीर और झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। वो आरोप सिर्फ हवा हवाई हैं। इस क्षेत्र के रेंजर द्वारा अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई भी की गई है साथ ही इस क्षेत्र के रेंजर द्वारा और अपने क्षेत्र मे सराहनीय काम किए जा रहे हैं जिनकी कार्य शैली पर अभी तक किसी भी तरीके का कोई दाग नहीं लगा है, ऐसे रेंजर को बदनाम कर दबाव में लेने की कोशिश की जा रही है अब दबाव में लेने के पीछे आखिर ऐसे लोगों की क्या मंशा है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
बरहाल इस पूरे मामले पर तराई पश्चिमी डिवीजन के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य का कहना है कि मामले की एक बार फिर हमारे द्वारा जांच कराई जा रही है और जांच में जो कुछ सामने आता है उस पर कार्यवाही भी की जाएगी अगर आरोप झूठे या गलत पाए गए हैं तो हमें सूचना देने वाले अलर्ट रहे, उनके खिलाफ भी करवाई अमल में लाई जाएगी। क्योंकि झूठी शिकायतों से विभाग का समय बर्बाद होता है और झूठी शिकायत करने वालों को सबक भी मिल सके।
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