उधम सिंह नगर-जिलाधिकारी उदयराज सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बालगणना स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन विभाग से समन्वय स्थापित कर वन क्षेत्र के भीतर स्थित डेरों/बस्तियों का विकास खण्डवार डाटा एकत्र कर वन गुर्जर क्षेत्र के बच्चों की बाल गणना अवश्य किया जाये। उन्होने कहा कि पूर्व सर्वे की अपेक्षा वर्तमान में जनपद की जनसंख्या में वृद्धि हुई है, इस लिये औद्योगिक, खनन, गांव, शहर एवं घनी आबादी वाले क्षेत्रों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाये। उन्होने कहा कि जिस वार्ड/बस्ती में बाल गणना की जा रही है उन क्षेत्र में अस्थाई निवास करने वाले, कूड़ा बीनने वाले, भिखारी, अनाथ, मलिन बस्तियों में रहने वाले एवं श्रमिक परिवारों के बच्चों को अवश्य शामिल किया जाये। उन्होने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी बस्तियां जिनकी बालगणना यदि गतवर्ष नहीं हो पायी थी, तो उसके लिये विस्तृत कायोजना बनाकर उनकी बालगणना की जाये। उन्होने कहा कि बालगणना हेतु घर-घर सर्वेक्षण के दौरान भरे गये प्रपत्रों/ऑकड़ों का मिलान गतवर्ष की बालगणना के ऑकड़ों से अवश्य कर लिया जाये, जिससे की पता चल सकें कि वर्तमान में कितनी वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि विद्यालयी शिक्षा से वंचित बच्चों की संख्या नगर क्षेत्रों में अधिक होती है। इस लिये नगर क्षेत्रों की घनी आबादी को सेक्टरों में बाट कर घर-घर सर्वेक्षण/बालगणना की जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि विकास खण्डवार चिन्हित ऑउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु कार्ययोजना तैयार करें जिससे की कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहें। जिलाधिकारी ने सहायक श्रमायुक्त को निर्देश दिये कि बाल श्रम करने वाले बच्चों को चिन्हित कर स्पष्ट डाटा तैयार करें।
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