उत्तराखंड नैनीताल हाई कोर्ट ने लगाई रोक और मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और डायरेक्टर कॉर्बेट पार्क से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता, इकरा परवीन, शिलपेंद्र बंसल,धर्मेन्द्र, पूरन सिंह, मोहन चंद्र, महेश चंद्र अमन, सलीम,अतीक, दाऊद, हनीफ, आरिफ, कुतुबुद्दीन, सैयद अहमद, नदीम अहमद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कोर्ट को बताया कि कॉर्बेट पार्क में जिप्सी पंजीकरण 2023-24 में कुछ जिप्सी माफियाओं के दबाव में धांधली की जा रही है और उन लोगों को प्रतिभाग का मौका नहीं दिया जा रहा है जिनके पास परमिट और सभी वैध कागज हैं पर जो पूर्व से पंजीकृत नहीं है। ऐसा करके कुछ लोगों के पक्ष में जिप्सी व्यवसाय में एकाधिकार बना दिया गया है और उन्हीं को पंजीकरण दिया जा रहा है जो कॉर्बेट पार्क के जिप्सी व्यवसाय में पूर्व से ही पंजीकृत हैं, हर साल पंजीकरण के नाम पर उन्हीं का नवीनीकरण हो रहा है। इस वजह से नए बेरोजगार ड्राइवर और उन आम जिप्सी स्वामियों को मौका नहीं मिल रहा है जो किसी रिजॉर्ट या बड़ी ट्रैवल एजेंसी से संबंधित नहीं है। साथ ही कोर्ट के पूर्व के आदेशों का भी उल्लंघन हो रहा है जिनमें पंजीकरण का विज्ञापन दो अखबारों में छपवाने के आदेश दिए गए थे। ना तो कोई विज्ञापन छपवाया गया और नहीं वेबसाइट पर विज्ञापन दिया गया मात्र कुछ एजेंटों के व्हाट्सएप पर पंजीकरण का गूगल फार्म जारी किया गया। उसमें भी यह शर्त थी कि आवेदक पूर्व से पंजीकृत होना चाहिए। कॉर्बेट प्रशासन पर याचिकाकर्ताओं द्वारा भारी गड़बड़ी किए जाने के आरोप लगाए गए। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद कॉर्बेट पार्क की जिप्सी पंजीकरण प्रक्रिया 2023-24 पर रोक लगा दी है, और पार्क निदेशक से 30 अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
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