November 23, 2024

Uttarakhand Ki Sachchai

A News Portal

राजनीति का केंद्र रहे कुंडेश्वरी को नगरपंचायत बनाए जाने की मांग उठने लगी है

काशीपुर। राजनीति का केंद्र रहे कुंडेश्वरी को नगरपंचायत बनाए जाने की मांग उठने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि कुंडेश्वरी में आईआईएम, कई बैंकों की शाखाएं, इंटर कालेज, बिजलीघर समेत तमाम सरकारी संस्थान हैं। आबादी के लिहाज से भी कुंडेश्वरी नगर पंचायत बनाए जाने के सभी मानक पूरी करती है।

कुंडेश्वरी क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चैधरी चरणसिंह के भांजे चैधरी गोविंद सिंह, पूर्व सहकारिता मंत्री चैधरी समरपाल सिंह, पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष आरपी जोशी की कर्मभूमि होने के साथ ही सपा के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की ससुराल है। इस क्षेत्र की आबादी भी दस हजार से अधिक है। जबकि वोटर संख्या 5500 से अधिक है। क्षेत्र के बाशिंदे कुंडेश्वरी क्षेत्र को नगरपंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी का कहना है कि तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन काबीना मंत्री यशपाल मंत्री के समक्ष कुंडेश्वरी क्षेत्र को नगरपंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई गई थी, लेकिन तब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति कर दी। अब जब सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में कई नगर पंचायतें घोषित कर रही है तो लगे हाथों कुंडेश्वरी को भी नगर पंचायत घोषित किया जाना चाहिए। कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष राकेश लखेड़ा ने कहा है कि यहां नगर पंचायत का गठन होने से विकास तेज होगा और लोगों को नगरीय सुविधाएं मिलेंगी। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता आलम सिंह सिसौदिया ने भी कुंडेश्वरी को नगर पंचायत बनाए जाने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि कुंडेश्वरी से सटे गांवों दोहरी वकील, रामनगर-काशीपुर, शिवलालपुर आदि को भी इसमें मिलाया जा सकता है। किसान देवेंद्र विष्ट ने गढ़वाल ब्लाक को कुंडेश्वरी में शामिल करने का सुझाव दिया है। कुंडेश्वरी के प्रधानपति संजय चैधरी एडवोकेट का कहना है कि ग्राम पंचायत में काफी विकास कार्य हो रहे हैं। ऐसे में नगरपंचायत की मांग को कोई औचित्य नहीं है। अगर इसे नगर पंचायत का दर्जा दिया जाता है तो यहां के लोगों को तमाम तरह के टैक्स का सामना करना पड़ेगा।