काशीपुर। पति की मौत के बाद इंश्योरेंस कंपनी ने बीमित हाउसिंग लोन का भुगतान करने से मना कर दिया। इस निर्णय को पीड़िता ने स्थायी लोक अदालत में चुनौती दी। कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को ब्याज सहित लोन का भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
लक्ष्मीपुरपट्टी निवासी निवासी हरि सिंह ने एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से 14,82,818 रुपये आवासीय ऋण लिया था। उसने लोन का रिस्क कवर कराने के लिए बीमा कराया था। इसका प्रीमियम 120311 रुपये का अदा किया गया था। 2 जनवरी 2019 को हरि सिंह की मौत हो गई। इंश्योरेंस कंपनी ने हरि सिंह की मौत आत्महत्या के कारण मानते हुए क्लेम की राशि देने से इंकार कर दिया। मृतक की पत्नी लक्ष्मी देवी ने अपने अधिवक्ता अरविंद कुमार शर्मा के माध्यम से स्थाई लोक अदालत में वाद दायर किया। कहा कि लक्ष्मी के पति की स्वभाविक मौत हुई है। ऐसे में बीमा कंपनी हाउसिंग लोन का भुगतान करने से इंकार नही कर सकती। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह, सदस्य अब्दुल नसीम व अर्चना पीयूष पंत ने अधिवक्ता अरविंद शर्मा के तर्कों से सहमत होकर कंपनी को हाउसिंग लोन का भुगतान ब्याज समेत करने के आदेश दिए हैं।
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