November 23, 2024

Uttarakhand Ki Sachchai

A News Portal

उत्तराखण्ड में खनन माफियाओं का फिर से बोलबाला

Uttarakhand Forest Department काशीपुर(आरिफ खान की रिपोर्ट) उत्तर प्रदेश के खनन माफियाओं का बोलबाला अब उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है। प्राकृतिक को नुकसान पहुंचाने वाले और वन विभाग की जमीन को खुदबुर्द -करने वाले माफियाओं के खिलाफ वन विभाग ने अब मोर्चा खोल दिया है, उत्तर प्रदेश के चर्चित इनामी माफियाओं के खिलाफ अब उत्तराखंड वन विभाग कार्रवाई करने में जुटा है क्या है पूरा मामला देख हमारी एक खास रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के खनन माफिया की गुंडागर्दी का मामला तो आपको याद ही होगा, सितंबर 2022 को मुरादाबाद में खनन माफिया खनन विभाग की पूरी टीम को बंधक बनाकर डंपर छीन ले गए।खनन माफियो ने टीम के साथ मारपीट तक कर डाली थी,सूचना पर पहुंचे एसडीएम से भी खनन माफिया ने बदसुलूकी की। जिस डंपर को खनन माफिया छीन ले गए थे। इसके बाद जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में सैकड़ो की तादाद में माफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था इतना ही नहीं इन माफियाओं पर इनाम की भी घोषणा कर दी गई थी साथ ही इन माफियाओं की वजह से जसपुर के उप ब्लाक प्रमुख की पत्नी की भी गोली लगने से मौत हो गई थी, जिसका मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन उसके बाद भी खनन माफियाओं हौसले इतने बुलंद है कि रात के अंधेरे में काले कारोबार को अंजाम देने से नहीं छोड़ा यूपी के खनन माफिया लगातार उत्तराखंड की सरहदों में घुसकर अपने अवैध कारोबार को अंजाम देते हुए दिखाई दे रहे है जिस पर नकेल कसने के लिए तराई पश्चिमी डिवीजन के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य द्वारा टीमों का गठन कर दिया गया और टीमों द्वारा लगातार अवैध खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है इसी कार्रवाई के तहत वन विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश के माफियाओं के दो वाहनों को सीज किया है। जिस पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य का कहना है कि अपराधिक गतिविधियों में लिप्त माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी हमारे द्वारा अभियान जारी है और लगातार ऐसे माफियाओं के खिलाफ अभियान जारी रहेगा

उत्तराखंड में यूपी के खनन माफियाओं का इतना बोल वाला है कि सरकारी तंत्र पर हमला करने से भी नहीं चूकते है ऐसे में देखने वाली बात होगी कि वन विभाग के प्रयास क्या खनन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए काफी होंगे या फिर वन विभाग प्रयास माफियाओं के सामने नस मस्तक होकर रह जाएगा।