लखनऊ- मदुरै रेलवे स्टेशन के यार्ड में जिस ट्र्रेन के कोच में आग लगने से हादसा हुई वह 17 अगस्त को चारबाग जंक्शन से रवाना हुआ थी। उस दौरान ट्रेन के कोच में जो सामान यात्रियों ले गए थे उसकी जांच नहीं हुई थी। आग लगने की घटना के बाद चारबाग जंक्शन के निदेशक ने सफाई दी है कि लखनऊ से गैस सिलेंडर कोच में नहीं गया था। कोच बुक कराने वाले ट्रेवेल एजेंसी ने भी यह प्रमाण पत्र दिया था कि कोच में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील सामान नहीं ले जाया जा रहा है।चारबाग जंक्शन के स्टेशन निदेशक अरविंद पांडेय का कहना है कि यहां से गैस सिलेंडर ट्रेन में नहीं रखा गया। लखनऊ के बाद ट्रेन उन्नाव व कानपुर में रुकी है। इन दोनों स्टेशनों से भी श्रद्धालु ट्रेन में सवार हुए। हो सकता है कि उन स्टेशनों से कोई गैस सिलेंडर लेकर गया। सही क्या है यह जांच के बाद ही पता चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी ट्रैवेल एजेंसी कोच बुक कराती है तो उसे रेलवे के नियम और शर्तो से पालन करना होता है। जिसमें ज्वलनशील सामान नहीं लेने के जाने के लिए एजेंसी की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया था। इसके बाद भी कोच में गैस सिलेंडर जाने की बात आ रही है। यदि ट्रेवले एजेंसी की लापरवाही सामने आय तो उस पर कार्रवाई होगी।
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