Kashipur ex MLA, काशीपुर। पहाड़ों पर आसमान से बरसता पानी का कहर सिर्फ पहाड़ों पर ही नहीं मैदानी क्षेत्रों में भी कहर बनकर टूट रहा है पहाड़ी क्षेत्रों में आनाधुन बारिश से मैदानी क्षेत्रों की नदियां नहर उफान पर है। और इस उफान ने घरों को अपने आगोश में लेने का सिलसिला लगातार जारी है लगातार आसमान से बरस रहे पानी से कई घर बेघर होते जा रहे हैं
देवों की नगरी कहे जाने वाले उत्तराखंड की पहचान पहाड़ों से भी बनी हुई और इन पहाड़ों पर आसमानी आपदाएं अपना कहर टूट चुकी है 16-17 जून 2013 को केदारनाथ आपदा में हजारों लोगों की जान गई थी। 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए थे। और इस विकराल प्रलय का रूप जिसने भी देखा और सुना उसकी रूह तक कांप गई थी और इस प्रलय का असर सिर्फ केदारनाथ में नहीं बल्कि उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिला था आपदा की वजह से मैदानी क्षेत्रों में नदी का स्तर काफी हद तक बढ़ गया था। और यह नजारा देखकर जिम्मेदार अधिकारियों के हाथ पैर तक फूल चुके थे। तो एक बार फिर उत्तराखंड में बारिश ने अपना विकराल रूप ले लिया
जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में नदियों का जलस्तर बढ़ गया और बढ़ते जलस्तर ने लगभग आधा दर्जन से अधिक घरों को जमीदोष भी कर दिया। जिनकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, साथ नदी किनारे बने 12 घरों में दरारे बननी शुरू हो गई, कब ढेला नदी उनको भी अपनी जद में ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता प्रशासन ने राहत कोष टीम लगाकर लोगों की मदद करनी शुरू कर दी। नदी किनारे पिचिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है आसपास के घरों को खाली करवा लिया गया है। कुदरत के इस कहर से हर कोई पनाह मांगता हुआ दिखाई दे रहा है।
पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर ने वार्ड के सम्मानित लोगों के साथ ढेला नदी मे आई आपदा से आबादी की तरफ हो रहे कटान को रोकने के लिए पत्थर की पिचिंग निर्माण की मांग को लेकर काशीपुर के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा(Harbhajan Singh Cheema) ज्ञापन सौप मुलाकात की है
आसमान से बरसी इस आफत ने प्रशासन के भी हाथ पैर फुल दिए है प्रशासन द्वारा लगातार क्षेत्र की मॉनेटरी की जा रही है लोगों को हिदायत दी जा रही है इसके साथ-साथ टीमों द्वारा लोगों के मकान बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों के साथ-साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भरोसेमंद पदाधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद है और लगातार लोगों की मदद करने में लगे है।
काशीपुर ढेला नदी किनारे बने मकानों का गिरना लगातार जारी है जिम्मेदार अधिकारी लगातार प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन कुदरत के इस कहर के आगे सब कुछ लचर दिखाई दे रहा है ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कब कुदरत का कहर थमता है और अब तक लोगों को राहत मिलती है
More Stories
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस हाईकमान अलका पाल को पर्यवेक्षक बनाया
उत्तराखण्ड मे एक बार फिर निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज,किस प्रत्यार्शी को जनता का मिल रहा है समर्थन,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर
तो क्या इस बार भाजपा राम पर जताएगी भरोसा